Saturday, October 9, 2010

तलाक के 55000 मामले लंबित हैं।

नई दिल्ली. देश की अदालतों में तलाक के 55000 मामले लंबित हैं। कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने बताया कि इन सभी मामलों का निपटारा संसद में हिंदू विवाह अधिनियम 1955 और विशेष विवाह अधिनियम 1954 के संशोधन पर मुहर लगने के बाद तेजी से होगा।

मोइली ने बताया कि यह संशोधन विधेयक संसद से पास होते ही एक पखवाड़े में सभी मामले निपट जाने की उम्मीद है। इसके लिए परिवार न्यायालयों की संख्या बढ़ाई जा रही है। पहली प्राथमिकता उन मामलों की होगी जो तीन साल से ज्यादा समय से लंबित हैं। यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने तलाक चाहने वाले दंपतियों के आंकड़े बताए हैं।

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