Saturday, December 11, 2010
आम जनता के हक़ सवाल
आज कानून को जानने वाले हो या न जानने वाले दोनों करते है फैसला ......... उदहारण के तौर पर राजस्व विभाग के तहसील से लेकर जिला मुख्यालय तक के फैसले बिना विधि की उपाधि वाले अफसर करते है ...... और भटकते है लोग ..... न्याय की तलाश में .............. क्या उन को मिला रहा है न्याय ?...... यक्ष प्रश्न कायम है ........... क्या ये फैसले होते है रीडर के भरोसे ?...... प्रश्न कायम है ...... क्या इन फैसलों को विधि की उपाधियुक्त किसी जज द्वारा निर्णित नहीं किया जाना चाहिए ....? ...... प्रश्न अभी भी कायम है ........ और बड़ा बन कर ...... हम क्यों सोये हुए है कुम्भकर्ण की निंद्रा में ....... ? ....... पूछता है ..... न्याय ..... क्यों हो रहा है उसके साथ अन्याय ....?
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